मंगलवार, 23 सितंबर 2008

takdeer



तोड़ना टूटे हुए दिल का बुरा होता हैं


जिसका कोई नही उसका खुदा होता हैं


मांग कर तुमसे खुशी लू मुझे मंजूर नही


किसकी मांगी हुई दोलत से भला होता हैं


लोग नाहक ही कहते हैं किसी को बुरा


हर इंसान अछा होता हैं मगर वक्त होता बुरा


इंसान को अपनी तबाही का कैसा शिकवा होता हैं


जिनता तकदीर में लिखा हैं उतना होता हैं

7 टिप्‍पणियां:

मीत ने कहा…

ऐसे पंक्तियों के लिए दो ही शब्द बने हैं...
सुभान अल्लाह...
बहुत अच्छा लिखा है...

प्रशांत मलिक ने कहा…

bahut achcha
nice...

Amit K Sagar ने कहा…

वाह!!! वाह!!! वाह!!!

betuki@bloger.com ने कहा…

बहुत अच्छा।

betuki@bloger.com ने कहा…

बहुत अच्छा।

Vineet Tripathi ने कहा…

accha hai

Unknown ने कहा…

wah..kya baat kahi hai...