तोड़ना टूटे हुए दिल का बुरा होता हैं
जिसका कोई नही उसका खुदा होता हैं
मांग कर तुमसे खुशी लू मुझे मंजूर नही
किसकी मांगी हुई दोलत से भला होता हैं
लोग नाहक ही कहते हैं किसी को बुरा
हर इंसान अछा होता हैं मगर वक्त होता बुरा
इंसान को अपनी तबाही का कैसा शिकवा होता हैं
जिनता तकदीर में लिखा हैं उतना होता हैं
7 टिप्पणियां:
ऐसे पंक्तियों के लिए दो ही शब्द बने हैं...
सुभान अल्लाह...
बहुत अच्छा लिखा है...
bahut achcha
nice...
वाह!!! वाह!!! वाह!!!
बहुत अच्छा।
बहुत अच्छा।
accha hai
wah..kya baat kahi hai...
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