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कुछ कहना है
सोमवार, 1 सितंबर 2008
मुझे ठेस पहुचती है माँ
2 टिप्पणियां:
मीत
ने कहा…
achi shikayten hain...
9 सितंबर 2008 को 6:53 am बजे
dr vikastomar
ने कहा…
really good poem touching deep
13 दिसंबर 2009 को 10:22 pm बजे
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takdeer
foji
बहुत मुश्किल है......... वो देखो आ रहा हैं सामने...
कोई टाइटल नहीं
आतंक
मुझे ठेस पहुचती है माँ
उसी के लिए
मुझे ठेस पहुँचती है
मेरे बारे में
parul
26 may my birth, i m journalist meerut
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2 टिप्पणियां:
achi shikayten hain...
really good poem touching deep
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