सोमवार, 1 सितंबर 2008

मुझे ठेस पहुँचती है

मुझे ठेस पहुंचती है
जब तुम मेरी बातो को नहीं समझ पाती हो तो
मुझे बहुत ठेस पहुँचती है माँ
जब गोद में जगह नही देती ही तो
मुझे ठेस पहुँचती है

2 टिप्‍पणियां:

प्रमोद ने कहा…

माँ से भला कैसी शिकायत
माँ तो 'माँ' होती है,
पीडा हो अगर बच्चों को,
सबसे पहले माँ रोती है.

Mohd Arif ने कहा…

this poem is great