शनिवार, 24 जुलाई 2010

कितने अजीब रिश्ते

हिंदी फिल्म पेज थ्री में वास्तव में एक सच्चाई दिखती हैं
ख़ास तौर पर उस गीत में जिसके बोल हैं कितने अजीब रिश्ते हैं यहाँ पर, दो पल मिलते हैं साथ साथ चलते हैं जब मोड़ ये आये, तो बच कर निकलते हैं , कौन किसको पूछे कौन किसको जाने सबके दिलो में अपने तराने हैं ,,,,,,,,,,,ये लाइन अब सही लगने लगी हैं
आज भी इंसान दूसरो को पहचाने में भूल कर जाता हैं हम भले ही कितने समझदार क्यों न हो, पर अक्सर चोट खा जाते हैं, और वो चोट इतनी गहरी होती हैं की उस जगह के जख्म कभी नहीं भरते हैं ,,,,,,,,,,,,,,,,,

1 टिप्पणी:

Udan Tashtari ने कहा…

वाकई, बड़े अजीब रिश्ते होते हैं.