सोमवार, 25 जनवरी 2010

हमसफ़र

हमसफ़र
सफ़र में नहीं छोड़े जाते हमसफ़र
नए बनने पर भूले नहीं जाते पुराने हमसफ़र
क्योंकि .........
बीते हुए पलो की स्वर्णिम याद दिलाते हैं हमसफ़र
निराशाओ में भी आशा दिलाते हैं हमसफ़र
तन्हा में भी साथ निभाते हैं हमसफ़र
सुन्दर सपनों की दुनिया सजाते हैं हमसफ़र
दुनिया की ठोकर से बचाते हैं हमसफ़र
बिना आये ही आँखों से आंसू पौछ जाते हैं हमसफ़र
सुन्दर सपनों के सजाने के लिए सपनों में आते हैं हमसफ़र
राहों के काटों पर खुद चलने के लिए तैयार हैं हमसफ़र
क्यों भूल जाते हैं हमें हमारे हमसफ़र
एक दिन ऐसा आता है की बहुत याद आते हैं हमसफ़र

1 टिप्पणी:

मीत ने कहा…

behad hi sunder abhivyakti...
meet