मंगलवार, 26 जनवरी 2010

स्‍टेशन पर फेंका और चलती रेलगाडी में चढ गई

स्‍टेशन पर फेंका और चलती रेलगाडी में चढ गई
कोहरे की ठंड हो और धुंध में दूर'दूर तक कोई दिखाई न दे, फटे पुराने कपडों में और पैरो से चल भी न पाए एक ऐसा बच्‍चा जो सिटी स्‍टेशन पर चाइल्‍ड सेफ़टी नेट के कार्यकर्ताओं को पडा हुआ मिला।
प्रत्‍यक्षदर्शियों के अनुसार बुर्का पहने एक महिला रेलगाडी से उतरी, यह बच्‍चा उसकी गोद में था। जब रेलगाडी चलनी शुरू हुई, तो वह उस बच्‍चे को प्‍लेटफार्म पर छोडकर चलती रेलगाडी में चढ गई। सर्दी से ठिठुरते इस बच्‍चे को सेफ़टी नेट के कार्यकर्ताओं ने अपनी हिफाजत में लिया और गर्म कपडों से ढका। अभी यह मु‍स्लिम बच्‍चा एक मुस्‍िलम परिवार में पल रहा है। बहरहाल इस नेट को चलाने वाली संकल्‍प संस्‍था की अतुल शर्मा ने बताया कि अभी तक लगभग 300 बच्‍चों को वह घर तक पहुंचा चुकी हैं, जिसमें सबसे छोटा बच्‍चा यह है, यह कुछ नहीं बता सकता है, इसका पता ढूंढना बहुत मुश्‍िकल भी है।
इस फोटो में यह बच्‍चा संस्‍था की कार्यकर्ता कादंबरी के हाथों में है, जिन्‍होंने सबसे पहले स्‍टेशन से बच्‍चे को उठा कर अपने साडी के पल्‍लु में छुपा कर ठंड से बचाया और स्‍टेशन पर ही कपडे मंगवा कर बच्‍चे को पहनाए।

1 टिप्पणी:

मीत ने कहा…

saalaam hai unhe...
or dhikkar hai un logo par jinhone use fainka...
meet