कोई कैसा तो कोई कैसा कोई रुलाता हैं तो कोई रुला जाता हैं कोई हँसाता हैं तो कोई हँसी छीन ले जाता हैं कोई लूटता हैं तो कोई लूट जाता हैं कोई इज्ज़त करता हैं तो कोई इज्ज़त उतार जाता हैं कोई रास्ता दिखाता हैं तो कोई रास्ते में काटे बिछा जाता हैं कोई रिश्ते निभाता हैं तो कोई निभाने के डर से रिश्ते तोड़ जाता हैं कोई घमंड में इतना प्रोफेशनल हो जाता हैं की अपने आप को भी भूल जाता हैं